Not known Factual Statements About Shodashi

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चत्वारिंशत्त्रिकोणे चतुरधिकसमे चक्रराजे लसन्तीं

The picture was carved from Kasti stone, a exceptional reddish-black finely grained stone utilized to fashion sacred photos. It had been introduced from Chittagong in existing day Bangladesh.

सौवर्णे शैलश‍ृङ्गे सुरगणरचिते तत्त्वसोपानयुक्ते ।

The Sri Chakra is actually a diagram shaped from nine triangles that surround and emit out on the central place.

The supremely stunning Shodashi is united in the center from the infinite consciousness of Shiva. She gets rid of darkness and bestows light. 

सा मे मोहान्धकारं बहुभवजनितं नाशयत्वादिमाता ॥९॥

षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी का जो स्वरूप है, वह अत्यन्त ही गूढ़मय है। जिस महामुद्रा में भगवान शिव की नाभि से निकले कमल दल पर विराजमान हैं, वे मुद्राएं उनकी कलाओं को प्रदर्शित करती हैं और जिससे उनके कार्यों की और उनकी अपने भक्तों के प्रति जो भावना है, उसका सूक्ष्म विवेचन स्पष्ट होता है।

देवस्नपन दक्षिण वेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि

देवस्नपनं मध्यवेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि

कर्तुं मूकमनर्गल-स्रवदित-द्राक्षादि-वाग्-वैभवं

हंसोऽहंमन्त्रराज्ञी हरिहयवरदा हादिमन्त्रार्थरूपा ।

Shodashi’s impact promotes instinct, helping devotees accessibility their interior knowledge more info and build have confidence in in their instincts. Chanting her mantra strengthens intuitive talents, guiding persons toward choices aligned with their best very good.

‘हे देव। जगन्नाथ। सृष्टि, स्थिति, प्रलय के स्वामी। आप परमात्मा हैं। सभी प्राणियों की गति हैं, आप ही सभी लोकों की गति हैं, जगत् के आधार हैं, विश्व के करण हैं, सर्वपूज्य हैं, आपके बिना मेरी कोई गति नहीं है। संसार में परम गुह्रा क्या वास्तु है?

सर्वभूतमनोरम्यां सर्वभूतेषु संस्थिताम् ।

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